कादम्बिनी पत्रिका से मैं वर्षों से परिचित हूँ पर पहले मैं इसे खरीदकर नहीं पढ़ता था । मौका निकलकर पुस्तकालय में जाकर पढ़ता था या तो वह भी नहीं हो पाता था । पर अब पिछले कई माह से मैं इसे नियमित रूप से खरीदकर पढ रह हूँ । यह पत्रिका युवा वर्ग के लिए एक अद्वितीय पत्रिका है । इसके सभी स्तम्भ अच्छे हैं । वैसे खासकर इसके साहित्यिक स्तम्भ कविता व कहानी से मैं इसके ओर आकर्षित हूँ तथा मुझमें लेखन का शौक ही इस पत्रिका का नियमित ग्राहक बनाया । वैसे इस पत्रिका का स्थाई स्तम्भ ज्ञान कोष, योग, आई टी नुक्कढ़, मतांतर, स्त्री : बाहर-भीतर भी काभी अच्छे हैं । मतांतर व स्त्री : बाहर-भीतर जैसे स्तम्भ पत्रिका में हमेशा ही प्रकाशित होते रहना चाहिए तथा हरेक युवा पाठक को इसे पढकर उसपर चिन्तन-मनन करना चाहिए व हरेक को मतान्तर में हिस्सा लेना चाहिए । यह पत्रिका युवा वर्ग के लिए एक अद्वितीय पत्रिका है । पत्रिका में जिस तरह अन्य लेखकों के पता प्रकाशित किया जता है उसी तरह स्त्री : बाहर-भीतर स्तम्भ के लेखिका तसलीमा नसरीन के भी पता प्रकाशित किया जाना चाहिए । ..........
कादम्बिनी के अक्टूबर २००७ का अंक काफी अच्छा लगा । इस अंक के कवर स्टोरी "ब्लाग हो तो बात बने" बहुत ही प्रभावित किया तथा इससे प्रभावित होकर मैं अपना ब्लाग http://popularindia.blogspot.com बना लिया । इस ब्लाग में मैं हिंदी में लिखने में असमर्थ था तो मैने लेखक बालेन्दु जी से E-mail द्वारा सम्पर्क स्थापित किया फिर उनके मार्गदर्शन से मैं ब्लाग में हिंदी में लिखने की विधि जान गया । अब मैं इसमें हिंदी में लिख लेता हूँ । मैं अपना ब्लाग बना लिया इसमें मैं अपना स्वतंत्र विचार रख सकता हूँ । लेखन में मेरी रूचि के कारण यह मेरे लिए बहुत ही अच्छी है । par यह सब कादम्बिनी व बालेन्दु जी के प्रयास से ही हुआ है जिसे मैं कभी भुला नहीं सकता । इसके लिए कादम्बिनी व बालेन्दु जी को बहुत-बहुत धन्यवाद् ।
अपने ब्लाग में मेरे द्वारा समाज के विभिन्न विषयों पर स्वतंत्र विचार व तर्क देने की योजना है । बस थोडा इंतजार करें । पर इसके लिए मैं कादम्बिनी व बालेन्दु जी से और सहयोग कि आशा करुंगा ।
अंत में कादम्बिनी परिवार व 'ब्लाग हो तो बात बने' के लेखक बालेन्दु जी को दुर्गा पूजा व दीपावली के अवसर पर ढ़ेर सारी शुभकामनाएँ ।
आपका
महेश
महेश
1 comment:
महेश जी,
ब्लॉग जगत में आपका बहुत बहुत स्वागत है। अब शुरूआत हो गई है तो लगातार लिखते रहिए। भाषा और अभिव्यक्ति तो आपके पास है ही। ऊपर लगाया गया चित्र बहुत अच्छा है लेकिन थोड़ा बड़ा है। इसे छोटा करेंगे तो डिजाइन और बेहतर लगेगा। आपके सार्थक लेखन और ब्लॉग की सफलता के लिए अनेकों शुभकामनाएं।
Post a Comment