दिले दर्द को बयां कर नहीं सकता
दर्द को सह पाना आसान नहीं है
आसानी से मर नहीं सकता
ऐसी स्थिति में जिंदा रहना भी आसान नहीं है
सुनाऊं किसे मैं अपना दर्द
जमाना हो गया है बेदर्द
जो सुनना चाहा मेरा दर्द
जमाना उसे मुझसे दूर किया
जमाना उसे मुझसे दूर किया
क्योंकि जमाना हो गया है बेदर्द
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Justice For Mahesh Kumar Verma
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3 comments:
दर्द में भी कुछ बात है
दर्द भी कुछ खास है
दर्द आंसुओं को शब्दों में ढालता है
इस तरह आपको सम्हालता है ।
दर्द किसी को सुनाने या बताने वाली चीज नही सर. बेहद ही निजी मामला है. अगर बताएँगे भी तो लोग शायद उसके बढ़ने मे ही मदद करे, कम करने के लिए कोई कुछ नही करेगा.
बहुत अच्छी कविता.
बहुत बढ़िया महेश भाई , धन्यवाद व स्वागत हैं मेरे ब्लॉग पर
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