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Justice For Mahesh Kumar Verma

Justice For Mahesh Kumar Verma--------------------------------------------Alamgang PS Case No....

Posted by Justice For Mahesh Kumar Verma on Thursday, 27 August 2015

Friday, October 19, 2007

मंथन : विजया दशमी और मांसाहार भोजन

कई स्थानों पर लोग विजया दशमी के दिन मांसाहार भोजन करते हैं, यह कहाँ तक उचित है? एक ओर हम पूरे धूम-धाम से दुर्गा-पूजा का पर्व मनाते हैं, जिसमें हम अनेक देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना करते हैं और फिर दूसरी और इस पर्व के समाप्ति के दिन हम मांसाहार भोजन करते हैं, यह कहाँ तक उचित है? क्या दुर्गा पूजा व दशहरा पर्व का उद्देश्य मांसाहार भोजन है जो हम अपने इस पर्व की समाप्ति मांसाहार भोजन से करते हैं? कभी नहीं, इस पर्व का ऐसा उद्देश्य कभी नहीं है। यह पर्व हमें अन्याय से लड़ने की सिख देती है,...........तो फिर हम बेकसूर जीवों को मारकर फिर उसका भोजन करके खुद अन्याय क्यों करते हैं? ख्याल रखें की यह पर्व अन्याय से लड़ने के लिए है न कि अन्याय करने के लिए। .........


आज हम बहुत ही गर्व के साथ कहते हैं कि मनुष्य इस पृथ्वी का सबसे बुद्धिमान व विवेकशील प्राणी है। पर जरा सोचें कि एक बेकसूर जीवों को मरना व कष्ट देना क्या यही हमारी बुद्धिमत्ता है? ........ जरा सोचें कि हम अपने प्राणों से या अपने बच्चों से कितना प्यार करते हैं, क्या इसी प्रकार हमें दूसरे जीवों के लिए नहीं सोचना चाहिए? जिन जीवों को हम मारकर भोजन करते हैं उनमें भी उसी प्रकार आत्मा है जैसे मुझमेंआपमें है तथा उसे भी उसी प्रकार कष्ट होता है जैसे मुझे व आपको होता है। सोचें को आपको जब थोडा कष्ट होता है तो आपको कैसा लगता है ...........? उसी प्रकार सब जीवों को कष्ट होता है? ........ सोचें कि यदि आप बेकसूर हों और आपको कोई कष्ट देगा तो आपको कैसा लगेगा? ........ उसी प्रकार उस जीव के लिए भी सोचें जिसे मारकर हम खाते हैं? ............ इस पृथ्वी पर के सबसे अधिक बुद्धिमान व विवेकशील प्राणी मनुष्य के लिए यह शर्म की बात है कि वह सिर्फ अपने पेट व जिह्वा स्वाद के लिए बेकसूर जीवों को मारकर उसका मांस का भोजन करे। .......... ऐसी स्थिति में मनुष्य सर्वाधिक बुद्धिमान व विवेकशील प्राणी कहना 'बुद्धिमत्ता' व 'विवेकशीलता' शब्द का अपमान करना है। और ऐसी स्थिति में मनुष्य को सर्वाधिक बुद्धिमान व विवेकशील प्राणी न कहकर मनुष्य को पशु से भी बदतर कहना अनुचित नहीं होगा। (क्यों?)

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मांसाहार भोजन : उचित या अनुचित

शाकाहारी भोजन : शंका समाधान

वह बकरा ने आपको क्या किया था?

http://groups.google.co.in/group/hindibhasha/browse_thread/thread/dde9e2ce361496a0

5 comments:

Anita kumar said...

मेरे हिसाब से विजय दशमी क्यों किसी भी दिन मांसाहार खाना अनुचित है। और सिर्फ़ स्वाद के लिए ही नहीं आखेट के लिए भी जानवर की हत्या जघंन्य अपराध है।

Unknown said...

I AGREE WITH ANITAKUMAR & I ALSO SUPPORT VOICELESS ANIMALS & VEGE.FODD

Unknown said...

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Unknown said...

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Anonymous said...

जिस जीव को पांचों ज्ञानेन्द्रियों द्वारा जाना जा सकता है । उस जीव की हत्या न्याय एवं नीति की दृष्टि से अनुचित है । जिस जीव की हत्या का न्याय और नीति को स्थापित करने एवं आत्मरक्षा से कोई संबंध नहीं है । इसलिए अन्याय एवं अनीति पर आधारित जीव हत्या धर्म नहीं हो सकती । जो कर्म धर्म के विरुद्ध हो, वह अधर्म है । धर्म तो अन्तिम समय तक क्षमा करने का गुण रखता है । जितना बड़ा पाप, उतना बड़ा प्रायश्चित ।

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