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Justice For Mahesh Kumar Verma

Justice For Mahesh Kumar Verma--------------------------------------------Alamgang PS Case No....

Posted by Justice For Mahesh Kumar Verma on Thursday, 27 August 2015

Sunday, January 13, 2008

कोई नहीं है मेरा मुझे पहचानकर

आते हैं आंखों में आंसू यह जानकर
कोई नहीं है मेरा मुझे पहचानकर
अंधे हैं वो आँख रखकर
बहरे हैं वो कान रखकर
गूंगे हैं वो मुँह रखकर
कोई नहीं है मेरा मुझे पहचानकर

हैवानियत की हद कर दी उसने
इंसानियत की नाम नहीं है
कितने भी बड़े क्यों न हो
मानवता की पहचान नहीं है
कहने को तो हैं वो सज्जन
पर दुर्जन से कम नहीं हैं
कुछ बोलो तो होगी पिटाई
जल्लाद से वो कम नहीं हैं
हैं वो हैवान इन्सान बनकर
तड़पाते हैं वो हमेशा शैतान बनकर
कोई नहीं है मेरा मुझे पहचानकर
कोई नहीं है मेरा मुझे पहचानकर

1 comment:

परमजीत सिहँ बाली said...

जीवन मे आने वालें उतार-चड़ाव को कविता के माध्यम से बखूबी प्रस्तुत किया है।

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