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Justice For Mahesh Kumar Verma

Justice For Mahesh Kumar Verma--------------------------------------------Alamgang PS Case No....

Posted by Justice For Mahesh Kumar Verma on Thursday, 27 August 2015

Sunday, November 23, 2008

गर तू ना होती

गर तू ना होती

गर तू ना होती तो कौन मेरे पास होता
गर तू ना होती तो कौन मेरे साथ होता
गर तू ना होती तो कौन मेरा अपना होता
गर तू ना होती तो सारा जहाँ सपना होता
गर तू ना होती तो जीवन नहीं ये पूरा होता
गर तू ना होती तो जीवन ये अधुरा होता
गर तू ना होती तो नहीं ये जीवन होता
गर तू ना होती तो नहीं ये गज़ल होता
कहना है बस एक बार तू मान जा
मान जा मेरे दिल को बहला जा
मान जा जीने का राह दिखा जा
मान जा मेरे जीवन को सँवार जा
गर तू ना होती तो नहीं ये जीवन होता
गर तू ना होती तो नहीं ये गज़ल होता


रचयिता : महेश कुमार वर्मा

5 comments:

परमजीत सिहँ बाली said...

क्या बात है!!

"अर्श" said...

बहोत खूब लिखा है आपने...

"अर्श" said...

वैसे ग़ज़ल स्त्रीलिंग है ...

राज भाटिय़ा said...

बहुत सुंदर है आप की यह गजल.
धन्यवाद

SUNIL KUMAR SONU said...

ghajal ki kya bat kahen janab.
aapne to likha hai beshak lajawab.

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