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Justice For Mahesh Kumar Verma

Saturday, July 26, 2008

महापाप

इसमें कोई दो राय नहीं कि कन्या भ्रूण हत्या बढ़ने का सर्वाधिक मुख्य कारण संतान के रूप में लड़की की चाह न होकर लड़का की चाह होना रहता है।



अतः जबतक समाज की मानसिकता को बदलकर नर व नारी एक सामान की भावना नहीं लाई जाएगी तबतक इस समस्या से निजात पाना मुश्किल है। और इसके लिए समाज को ही सोचना पड़ेगा व आगे आना पड़ेगा।



फिर आख़िर संतान के रूप में लोग लड़की क्यों नहीं चाहते हैं? हमें इस पर भी सोचना चाहिए और इसमें जो कारण उचित हों उसे दूर करने का उपाय समाज को ही करना होगा। ऐसे ही कारणों में से एक कारण है : दहेज-समस्या।



हमारी समाज दहेज रूपी दानव को नष्ट करने का कोई पहल नहीं करती है, पर जन्म से पूर्व अपने ही संतान को नष्ट करने का पहल जरुर करती है। सोचिए आख़िर कितनी संकीर्ण व नीच विचारधारा की है हमारी समाज। ......... और यदि हमारी समाज इतनी नीच विचारधारा की है तो हमें समाज के इस विचारधारा का विरोध करने में संकोच नहीं करना चाहिए।


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फिर कन्या भ्रूण हत्या ही क्यों , नर या मादा किसी भी प्रकार की भ्रूण हत्या महापाप है। उस माँ-बाप के लिए अपने संतान के प्रति इससे बड़ा कुकर्म और क्या होगा, जिसने ख़ुद संतान के जन्म के लिए प्रयोजन किया व फिर जन्म से पहले ही अपने ही संतान को नष्ट कर दिया।


कन्या भ्रूण हत्या ही नहीं किसी भी लिंग की भ्रूण हत्या महापाप है।


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कन्या भ्रूण हत्या : एक घिनौना कार्य

मुझे भी जन्म लेने दो

1 comment:

Anonymous said...

आपकी सभी रचनाएँ एक से बढ़कर एक है.... समर्पित रहिये.... हमेशा साथ रहूँगा....

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