प्रेम है बहुत महान
ये है मानवता की पहचान
प्रेम ही है जो दुश्मन को दोस्त बनाते हैं
प्रेम ही है जो पशुओं को भी मित्र बनाते हैं
प्रेम ही है जो सबों को आपस में बांधे रखता है
प्रेम ही है जो सबों को बिछुड़ने से रोकता है
प्रेम न होता तो ये सारा रिश्ता नाता न होता
प्रेम न होता तो दुनियाँ का काम न होता
प्रेम न होता तो दुनियाँ में चलना मुश्किल था
प्रेम न होता तो हमें जी पाना मुश्किल था
अतः प्रेम करना सीखो
आपस में मिलकर रहना सीखो
सबों से प्रेम करो
नहीं किसी से वैर करो
प्रेम है बहुत महान
ये है मानवता की पहचान
प्रेम है बहुत महान
प्रेम है बहुत महान
5 comments:
धन्यवाद, इस सुन्दर कविता के लिये
अच्छी कोशिश। लिखते रहें। शुभकामना।
जो अपने लिए हों वह शबो रोज है बकार।
जो सबके लिए गुजरे वो लम्हा ही बहुत है।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
www.manoramsuman.blogspot.com
प्रेम ही है जो दुश्मन को दोस्त बनाते हैं
प्रेम ही है जो पशुओं को भी मित्र बनाते हैं
प्रेम ही है जो सबों को आपस में बांधे रखता है
प्रेम ही है जो सबों को बिछुड़ने से रोकता है
" sach kha prem ka sunder chitran"
regards
"
बहुत बढ़िया..जारी रहिये.
प्रेम न होता तो ये सारा रिश्ता नाता न होता
प्रेम न होता तो दुनियाँ का काम न होता
प्रेम न होता तो दुनियाँ में चलना मुश्किल था
प्रेम न होता तो हमें जी पाना मुश्किल था
प्रेम न होता तो mahesh verma ki kavita n hoti
प्रेम न होता तो kavita me satyta n hoti
Mubarakbaad -DIL or INSANIYAT ki shai aqqasi kane k liye.
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