बुरा वक्त का अच्छा संदेश
वक्त पर होती है पहचान
वक्त पर होती है पहचान
कि दोस्त कैसा है
वक्त पर पर होती है पहचान
कि कौन कैसा है
वक्त पर होती है पहचान दोस्त की
वक्त पर होती है पहचान अपनों की
यदि बुरा वक्त न आए
तो न होगी इनकी सही पहचान
बुरा वक्त में ही होती है
इनकी सही पहचान
अतः बुरे वक्त को
ईश्वर के द्वारा दिया गया
वह अच्छा समय समझो
जिसमें होती है
लोगों की असलियत की पहचान
जिसमें होती है
अपनों व परायों की पहचान
जिसमें होती है
दोस्त व दुश्मन की पहचान
अतः वह बुरा वक्त भी धन्य है
जिसने करायी मुझे इस वास्तविकता की पहचान
पर हे प्रभु
कितना अच्छा होता
जब बिना बुरा वक्त दिखाये
तुम इस वास्तविकता की पहचान करा दिया होता
तो मुझे न इतना कष्ट होता
और न कोई काम में विध्न होता
अतः हे प्रभु
ऐसा बुरा वक्त फिर न दिखाना
व वास्तविकता की पहचान पहले करा देना
-- महेश कुमार वर्मा
01.03.2015
1 comment:
Nice one
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