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Justice For Mahesh Kumar Verma

Thursday, December 20, 2007

यह दिल की आवाज़ है

बात बहुत खास है
यहाँ सुशासन नहीं कुशासन है
यहाँ रक्षक ही भक्षक है
न्याय मिलने की नहीं आश है
क्योंकि पंच परमेश्वर नहीं पंच पापी है
कोई नहीं अपना है
यह दिल की आवाज़ है

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