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Justice For Mahesh Kumar Verma

Wednesday, December 30, 2009

नववर्ष का विचार : हमें सुधरना होगा

नव वर्ष पर सबों को हार्दिक शुभकामनाएं।

हरेक वर्ष हम नववर्ष पर एक-दुसरे को शुभकामनाएं देते है। पर कभी हमने सोचा है कि सिर्फ शुभकामनाएं भर दे देने से क्या हमारा समाज व देश उन्नति कर सकेगा। कभी नहीं, हमें अपने समाज से बुराई को हटाना होगा। जब तक हम समाज में व्याप्त बुराई को हटाने में कोई सहयोग नहीं करते हैं तो सिर्फ शुभकामनाएं देने से कुछ नहीं होगा। कितने लोग सोचते व कहते हैं कि एक हमारे चाहने से क्या होगा .......... पूरा दुनियाँ ऐसी हैं तो क्या एक सिर्फ हमारे सुधरने से दुनियाँ सुधर जायेगी ............ इस तरह से लोग कई बात कहते हैं। पर हमें सोचना व समझना चाहिए कि हम और आप जैसे व्यक्तियों से ही यह समाज बना है। तब फिर हमारे व आपके सुधरने से यह समाज क्यों न सुधरेगा? याद रखें हमारे-आपके सहयोग से ही इस देश की उन्नति संभव है। और हमारे-आपके सहयोग से ही देश से अपराध व भ्रष्टाचार समाप्त हो सकती है। अन्यथा देश की अपराध व भ्रष्टाचार हमें ही कुचल देगी।

अतः हम सबों से यह आह्वान करना चाहता हूँ कि अपने में सुधार लाते हुए समाज को सुधारने में अपना योगदान दें। यही हमारी नववर्ष की खुशी होगी।

हम बदलेंगे युग बदलेगा।
हम सुधरेंगे युग सुधरेगा॥

धन्यवाद।


आपका
महेश कुमार वर्मा

3 comments:

Udan Tashtari said...

सत्य वचन!!



मुझसे किसी ने पूछा
तुम सबको टिप्पणियाँ देते रहते हो,
तुम्हें क्या मिलता है..
मैंने हंस कर कहा:
देना लेना तो व्यापार है..
जो देकर कुछ न मांगे
वो ही तो प्यार हैं.


नव वर्ष की बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएँ.

राज भाटिय़ा said...

आप का विचार बहुत सुंदर लगा,
आप को भी नये साल की हार्दिक बधाई

पी.सी.गोदियाल "परचेत" said...

बहुत खूब! नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाये !

चिट्ठाजगत
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