इस साईट को अपने पसंद के लिपि में देखें

Justice For Mahesh Kumar Verma

Monday, September 8, 2008

बहुत ही नाजुक होती है ये रिश्ते

बहुत ही नाजुक होती है ये रिश्ते
निभा सको तो साथ देगी जीवन भर ये रिश्ते
नहीं तो सिर्फ कहलाने को रह जाएँगे ये रिश्ते
बनते हैं पल भर में, बिगड़ते हैं पल भर में ये रिश्ते
बहुत ही नाजुक होती है ये रिश्ते
बहुत ही नाजुक होती है ये रिश्ते

2 comments:

दिनेशराय द्विवेदी said...

सही कहा आप ने ये रिश्ते बहुत नाजुक होते हैं। ये रक्त संबंधों से पैदा होते हैं, और दिल से स्थाई। वर्ना टूट जाते हैं, बिखर जाते है, मर भी जाते हैं।

seema gupta said...

"oh, very well said, ye rishtey hee hain jo jindgee bhr kee punjee hain, inko smet kr rekhna asan nahee bhut muhskil hai"

Regards

चिट्ठाजगत
चिट्ठाजगत www.blogvani.com Hindi Blogs. Com - हिन्दी चिट्ठों की जीवनधारा

यहाँ आप हिन्दी में लिख सकते हैं :