दिस देश में न्याय का होता हलाल, उस देश के हम वासी हैं।
जहाँ बोलने का नहीं है अधिकार, उस देश के हम वासी हैं।
जहाँ स्वतंत्र रहते हुए भी हैं गुलाम, उस देश के हम वासी हैं।
जहाँ धर्म से बड़ा पैसा है, उस देश के हम वासी हैं।जहाँ पैसे के सामने न्यायालय भी होता अंधा, उस देश के हम वासी हैं।
भ्रष्टाचार है जिस देश की पहचान।
मेरा देश भले हो बेईमान, पर फिर भी है यह महान।
3 comments:
हम उस देश के वासी है हम उस देश के वासी है
जिस देश में भ्रष्टाचार की नदिया खूब बहती है .
हम उस देश के वासी है हम उस देश के वासी है
जहाँ रिश्वत झोली भरती है मिलावटखोरी होती है . .
हम उस देश के वासी है हम उस देश के वासी है
जहाँ इमानदारो की अर्थियां निकलती है .हम उस देश के....
बहुत बढ़िया सटीक पोस्ट. कुछ मेरी और से . धन्यवाद
ये एक तरफा तस्वीर है जिस के लिये दोशी बाहर के लोग नहीं हम ही हैं भ्रश्टाचारी हमारे ही बीच के लोग हैं । नहीं तो इस देश मे क्या नहीं है वैसे रचना अच्छी है शुभकामनायें
भ्रष्टाचार होती है-भ्रष्टाचार होता है
सही है!! बढ़िया!!
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