क्यों तड़पाते हो मुझे
क्यों कष्ट देते हो मुझे
क्यों लोगों को गुमराह करते हो तुम
इसीलिए क्योंकि मैं
हमेशा सत्य पर रहा
इसीलिए क्योंकि मैं
कभी झूठ नहीं बोला
इसीलिए क्योंकि मैं
हमेशा तुम्हें अपना समझा
कब तक तपाओगे मुझे
कब तक कष्ट दोगे मुझे
कब तक करोगे तुम अन्याय
कब करोगे तुम मेरे साथ न्याय
क्या तुम कभी नहीं आओगे सच्चाई पर
क्या तुम कभी नहीं करोगे न्याय
मैंने तुम्हें झूठ बोलने के मामला में
सबसे खतरनाक व्यक्ति घोषित किया
मैंने तुम्हें इस पृथ्वी पर का
सबसे बड़ा अन्यायी व पापी व्यक्ति घोषित किया
क्या तुम्हारे अन्याय का अंत नहीं होगा
क्या तुम सच्चाई व इमानदारी पर नहीं आओगे
आखिर क्या चाहते हो तुम
आखिर तुमको मुझसे बात करने का सहस क्यों नहीं है
इसीलिए क्योंकि तुम हमेशा गलत व झूठ पर रहे
आखिर कब तक चलेगी तुम्हारी अन्याय
और कब तक मैं जीवन और मौत के बीच जूझता रहूंगा
तुम हो शिव शंकर मैं हूँ महेश
पर हम दोनों में कब तक चलेगी यह लड़ाई विशेष
चुप क्यों हो
मुझे जवाब चाहिए
आखिर कब तक चलेगी तुम्हारी अन्याय
आखिर कब तक
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यह रचना महेश कुमार वर्मा द्वारा ०४.०६.२००६ को लिखा गया था ।
क्यों कष्ट देते हो मुझे
क्यों लोगों को गुमराह करते हो तुम
इसीलिए क्योंकि मैं
हमेशा सत्य पर रहा
इसीलिए क्योंकि मैं
कभी झूठ नहीं बोला
इसीलिए क्योंकि मैं
हमेशा तुम्हें अपना समझा
कब तक तपाओगे मुझे
कब तक कष्ट दोगे मुझे
कब तक करोगे तुम अन्याय
कब करोगे तुम मेरे साथ न्याय
क्या तुम कभी नहीं आओगे सच्चाई पर
क्या तुम कभी नहीं करोगे न्याय
मैंने तुम्हें झूठ बोलने के मामला में
सबसे खतरनाक व्यक्ति घोषित किया
मैंने तुम्हें इस पृथ्वी पर का
सबसे बड़ा अन्यायी व पापी व्यक्ति घोषित किया
क्या तुम्हारे अन्याय का अंत नहीं होगा
क्या तुम सच्चाई व इमानदारी पर नहीं आओगे
आखिर क्या चाहते हो तुम
आखिर तुमको मुझसे बात करने का सहस क्यों नहीं है
इसीलिए क्योंकि तुम हमेशा गलत व झूठ पर रहे
आखिर कब तक चलेगी तुम्हारी अन्याय
और कब तक मैं जीवन और मौत के बीच जूझता रहूंगा
तुम हो शिव शंकर मैं हूँ महेश
पर हम दोनों में कब तक चलेगी यह लड़ाई विशेष
चुप क्यों हो
मुझे जवाब चाहिए
आखिर कब तक चलेगी तुम्हारी अन्याय
आखिर कब तक
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यह रचना महेश कुमार वर्मा द्वारा ०४.०६.२००६ को लिखा गया था ।
1 comment:
आज शायद पहली बार आपके ब्लॉग पर आया हूँ. अच्छा लगा.
बहुत स्वागत है हिन्दी चिट्ठाजगत में. निरंतर लेखन के लिये शुभकामनायें.
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