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Justice For Mahesh Kumar Verma

Sunday, November 11, 2007

इतना कष्ट दिया तुने

इतना कष्ट दिया तुने कि अब तड़पा भी नहीं जाता है
इतना रुलाया तुने कि अब रोया भी नहीं जाता है
इतना प्यार था तुमसे कि अब साथ छोड़ा भी नहीं जाता है
इतना अन्याय किया तुने कि अब साथ रहा भी नहीं जाता है

तुझे लोगों ने श्रेष्ठ व बुद्धिजीवी समझा
पर तुम सबसे बड़ा पापी व अधर्मी निकला
तुझे लोगों ने दिल का साफ समझा
पर तुम मीठा जहर निकला
तुमसे लोगों न चाहा था उचित व्यवहार
पर तुमने किया सबों के साथ दुर्व्यवहार

तुमपर मैं किया था बहुत ही विश्वास
पर कभी न सोचा था कि तुम करोगे ऐसा आघात
पर अब मुझे नहीं होगी यह बर्दाश्त
क्योंकि तुने किया बहुत ही घिनौना वारदात

एक शंकर था आदि काल में जिसने विष का पान किया
एक शंकर तुम हो जिसने सबका सर्वनाश किया
इतना अन्याय किया तुने कि अब साथ रहा भी नही जाता है
इतना प्यार था तुमसे कि अब साथ छोड़ा भी नहीं जाता है

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यह रचना महेश कुमार वर्मा द्वारा १९.०८.२००६ को लिखा गया था।

1 comment:

परमजीत सिहँ बाली said...

बहुत बढिया रचना है बधाई।

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