इतना कष्ट दिया तुने कि अब तड़पा भी नहीं जाता है
इतना रुलाया तुने कि अब रोया भी नहीं जाता है
इतना प्यार था तुमसे कि अब साथ छोड़ा भी नहीं जाता है
इतना अन्याय किया तुने कि अब साथ रहा भी नहीं जाता है
तुझे लोगों ने श्रेष्ठ व बुद्धिजीवी समझा
पर तुम सबसे बड़ा पापी व अधर्मी निकला
तुझे लोगों ने दिल का साफ समझा
पर तुम मीठा जहर निकला
तुमसे लोगों न चाहा था उचित व्यवहार
पर तुमने किया सबों के साथ दुर्व्यवहार
तुमपर मैं किया था बहुत ही विश्वास
पर कभी न सोचा था कि तुम करोगे ऐसा आघात
पर अब मुझे नहीं होगी यह बर्दाश्त
क्योंकि तुने किया बहुत ही घिनौना वारदात
एक शंकर था आदि काल में जिसने विष का पान किया
एक शंकर तुम हो जिसने सबका सर्वनाश किया
इतना अन्याय किया तुने कि अब साथ रहा भी नही जाता है
इतना प्यार था तुमसे कि अब साथ छोड़ा भी नहीं जाता है
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यह रचना महेश कुमार वर्मा द्वारा १९.०८.२००६ को लिखा गया था।
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Justice For Mahesh Kumar Verma
Justice For Mahesh Kumar Verma--------------------------------------------Alamgang PS Case No....
Posted by Justice For Mahesh Kumar Verma on Thursday, 27 August 2015
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1 comment:
बहुत बढिया रचना है बधाई।
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