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Justice For Mahesh Kumar Verma

Thursday, February 26, 2009

आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए प्रकाशक जिम्मेवार क्यों?

आज मैं निम्न पोस्ट पढ़ा :

ब्लागर हैं तो क्या? कानून से ऊपर नहीं (http://teesarakhamba.blogspot.com/2009/02/blog-post_26.html)

ब्लागर और वेब पत्रकार भी कानूनी दायरे में (http://janadesh.in/InnerPage.aspx?Story_ID=76)

वैसे मैं सम्बंधित ब्लॉग को या इससे सम्बंधित समाचार को अन्यत्र कहीं नहीं पढ़ा या सुना हूँ। पर इस ब्लॉग में लेखक ने जो बात कहना चाहा है वह तो मैं समझ गया. पर एक बात मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि यदि कोई साईट या ब्लॉग या समाचारपत्र ऐसा है जो किसी विषय पर आम लोगों की निष्पक्ष विचार आमंत्रित करता है और सम्बंधित साईट या पत्र का उद्देश्य रहता है कि वह आम लोगों की निष्पक्ष विचार को सार्वजानिक करे ताकि आम जनता यह जान सके कि इस विषय पर किसका क्या विचार है. तब यदि कोई व्यक्ति उसपर अपने विचार में या टिप्पणी में कोई आपत्तिजनक बात लिखता है तो इसके लिए साईट या पत्र का स्वामी जिम्मेवार क्यों होगा और उसपर कार्रवाई क्यों होगी? उसका तो उद्देश्य तो आम लोगों के विचार को सार्वजानिक करना था. .................... ऐसी स्थिति में तो कार्रवाई सम्बंधित विचारक / टिप्पणीकार पर होनी चाहिए न कि साईट / ब्लॉग / समाचारपत्र के स्वामी पर. यदि किसी साईट या पत्र पर आये टिप्पणी से ही किसी के (या टिप्पणीकार के) अपराधिक प्रकृति का पता चलता है तो इसके लिए सम्बंधित साईट / पत्र के स्वामी या प्रकाशक जिम्मेवार क्यों व कैसे होगा? ................... ऐसी स्थिति में यदि कसी के टिपण्णी से किसी के अपराधिक प्रकृति का पता चलता है तो इसके लिए टिप्पणीकार जिम्मेवार होगा और कार्रवाई भी उसी पर होनी चाहिए न कि साईट या पत्र के स्वामी या प्रकाशक पर.............


ऊपर वर्णित पोस्ट के लेखक, प्रकाशक व पाठक कृपया इसपर अपनी राय स्पष्ट करें.

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