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Justice For Mahesh Kumar Verma

Sunday, November 22, 2009

भ्रष्टाचार है जिस देश की पहचान

जिस देश में भ्रष्टाचार होती है, उस देश के हम वासी हैं
दिस देश में न्याय का होता हलाल, उस देश के हम वासी हैं।
जहाँ बोलने का नहीं है अधिकार, उस देश के हम वासी हैं
जहाँ स्वतंत्र रहते हुए भी हैं गुलाम, उस देश के हम वासी हैं।
जहाँ धर्म से बड़ा पैसा है, उस देश के हम वासी हैं।
जहाँ पैसे से बिकती है सरकार, उस देश के हम वासी हैं।
जहाँ पैसे के सामने न्यायालय भी होता अंधा, उस देश के हम वासी हैं।
भ्रष्टाचार है जिस देश की पहचान
नहीं है कहीं धर्म का नामों-निशान
उस देश के हम वासी हैं।
जहाँ हर रोज अपराध होती है, उस देश के हम वासी हैं।
मेरा देश भले हो बेईमान, पर फिर भी है यह महान
होकर बेईमान है जो महान, उस देश के हम वासी हैं।
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