दिस देश में न्याय का होता हलाल, उस देश के हम वासी हैं।
जहाँ बोलने का नहीं है अधिकार, उस देश के हम वासी हैं।
जहाँ स्वतंत्र रहते हुए भी हैं गुलाम, उस देश के हम वासी हैं।
जहाँ धर्म से बड़ा पैसा है, उस देश के हम वासी हैं।जहाँ पैसे के सामने न्यायालय भी होता अंधा, उस देश के हम वासी हैं।
भ्रष्टाचार है जिस देश की पहचान।
मेरा देश भले हो बेईमान, पर फिर भी है यह महान।