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Justice For Mahesh Kumar Verma
Justice For Mahesh Kumar Verma--------------------------------------------Alamgang PS Case No....
Posted by Justice For Mahesh Kumar Verma on Thursday, 27 August 2015
Saturday, January 30, 2010
परीक्षा में कदाचार के लिए जिम्मेवार कौन
Friday, January 29, 2010
ऐसे शिक्षक क्या पढ़ायेंगे?
तो इस प्रकार हुयी है व हो रही है शिक्षकों की बहाली और ऐसी है हमारी शिक्षा नीति। आप खुद सोच सकते हैं कि ऐसे शिक्षकों के भरोसे बच्चों का कितना विकास होगा? मेरे इस बात से किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए कि बिहार में शिक्षकों की इस प्रकार के बहाली से लोगों को शिक्षक शब्द से ही शिक्षक के प्रति जो आदर व सम्मान की भावना थी वह अब नहीं रही। सच पूछिये तो शिक्षकों का कार्य अब अपने ज्ञान से सेवा भाव से बच्चों को सही राह पर लाकर विकास करना नहीं रहा बल्कि उनका कार्य अब सिर्फ बैठे-बैठे पैसा कमाना हो गया है।
शिक्षक = मास्टर = मास + टर
(यानी पढावें या न पढावें बस किसी तरह मास यानी महीना टरेगा यानी बीतेगा और पैसा मिलेगा)
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आप खुद सोचें कि इस प्रकार की व्यवस्था से देश का विकास होगा या देश का पतन होगा?
Thursday, January 28, 2010
आरक्षण नीति : उचित या अनुचित
Wednesday, January 27, 2010
जाति के आधार पर समाज को बांटने में सरकार कितनी दोषी
Tuesday, January 26, 2010
देश से अपराध भगाना है, खुशहाल जीवन लाना है।
आज राष्ट्र 61 वाँ गणतंत्र दिवस मना रहा है। भारत को स्वतंत्र हुए 62 वर्ष व गणतंत्र हुए 60 वर्ष हो गए। पर इतने अवधि में हमने क्या पाया? क्या देश के आम नागरिकों को देश के विकाश का वास्तविक फायदा मिल पाया है? इस बात पर विचारने पर हम पाते हैं कि कहने के लिए देश कितनी भी प्रगति क्यों न कर लिया हो पर आम लोगों के जीवन में इस प्रगति का कोई फायदा नहीं है। आज देखें हरेक जगह बेईमानी व भ्रष्टाचार फैला है और इसका सीधा असर आम जन पर पड़ रहा है। पर इस प्रकार के स्थिति के लिए जिम्मेवार कौन है? इसके लिए जिम्मेवार देश के बाहर के कोई दुश्मन नहीं बल्कि देश में ही रहने वाले हम व आप सहित पूरा देश है। और यदि हम अपने देश के अंदरूनी भ्रष्टाचार पर काबू नहीं पाएंगे तो वह दिन दूर नहीं जब हम पुनः अपने देश के अंदर के ही दुश्मन के गुलाम बन जाएंगे। हमें जागना होगा व देश के दुश्मन को भगाना होगा और इसके लिए हम सबों को साथ मिलकर चलना होगा। तो आएं अपने देश के अंदर फैले अपराध, बेईमानी व भ्रष्टाचार को समाप्त कर व देश में मानवता व सच्चाई-ईमानदारिता के धर्म की स्थापना कर देश को अपराध मुक्त व खुशहाल बनाने में अपना सहयोग करें।
देश से अपराध भगाना है।
खुशहाल जीवन लाना है॥
जय हिंद।
जय भारत॥
Sunday, January 24, 2010
क्यों न करूँ मैं गणतंत्र दिवस का बहिष्कार
सोचने पर हमने है विचारा
है नहीं यहाँ बच्चों को पढने का अधिकार
है नहीं बच्चों को खेलने का अधिकार
बच्चे करते हैं होटल में काम
बेचते हैं रेल पर नशा तमाम
देखने वाला नहीं है कोई उसे
फिर हमने देश को गणतंत्र माना कैसे
गणतंत्र दिवस है आया
सोचने पर हमने विचारा
नहीं है यहाँ पीड़ित को न्याय का अधिकार
गुनाहगार घूमता है खुला बाजार
न है न्याय पाने का अधिकार
न है न्याय करने का अधिकार
न है सच बोलने का अधिकार
न है सच पर चलने का अधिकार
देश में फैली है भ्रष्टाचार
हो रही है सबों के साथ बलात्कार
तो फिर क्यों कहते हैं मेरा देश है महान
क्यों मनाऊं मैं गणतंत्र दिवस का त्यौहार
क्यों न करूँ मैं गणतंत्र दिवस का बहिष्कार
क्यों न करूँ मैं गणतंत्र दिवस का बहिष्कार