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Justice For Mahesh Kumar Verma

Justice For Mahesh Kumar Verma--------------------------------------------Alamgang PS Case No....

Posted by Justice For Mahesh Kumar Verma on Thursday, 27 August 2015

Friday, September 24, 2010

हम हिन्दू-मुस्लिम नहीं, हम मानव हैं

भगवान ने हमें इंसान बनाया
पर जाति और धर्म की लड़ाई हमने खुद है पाला
हिन्दू हों या मुस्लिम हों
हम सभी हैं मानव
मानव मेरी जाति
सत्य व मानवता मेरा धर्म
क्यों लड़ें हम धर्म व जाति के नाम पर
रमजान (RAMJAN) के प्रारंभ में है राम (RAM)
दिवाली (DIWALI) अंत में है अली (ALI)
तो फिर हम कैसे दो हुए?
हम दो नहीं हम एक हैं
हम हिन्दू-मुस्लिम नहीं
हम मानव हैं
हम इंसान हैं
सत्य व मानवता मेरा धर्म
इंसानियत मेरा फर्ज
हम दो नहीं हम एक हैं
हम मानव हैं
हम मानव हैं




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महेश कुमार वर्मा
Webpage : http://popularindia.blogspot.com
E-mail ID : vermamahesh7@gmail.com
Contact No. : +919955239846
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Tuesday, September 14, 2010

कौन है जिम्मेवार?

जिस कार्यक्रम में राज्यपाल को बुलाया गया, उस कार्यक्रम के हॉल में 3000 व्यक्ति गर्मी से परेशान थे.  न तो पंखा था न तो AC ही था.  इसके लिए जिम्मेवार कौन है?
विस्तृत के लिए यहाँ क्लिक करें. http://popularindia.blogspot.com/2010/09/silver-jubilee-celebrations-of-gyan.html 

Friday, September 10, 2010

ज्ञान निकेतन, पटना का रजत जयंती समारोह : Silver Jubilee Celebrations of Gyan Niketan, Patna

कल 09.09.2010 को ज्ञान निकेतन स्कूल का रजत जयंती समारोह स्थानीय श्रीकृष्ण मेमोरिअल हॉल, पटना में मनाया गया.  इस समारोह में दुर्भाग्य से मैं भी पहुँच गया था.  पर यदि मैं वहाँ नहीं पहुँचता तो मुझे यह रिपोर्ट लिखने का सौभाग्य नहीं मिलता.  बुलाये गए लोगों को दिए गए invitation card पर 03:30 pm तक आने के लिए लिखा गया था व समारोह प्रारंभ होने का समय 04:00 pm लिखा गया था.  मैं भी अपने ऑफिस से लगभग सवा तीन बजे छुट्टी लेकर समारोह स्थल गया.  हॉल के अंदर का हालत बहुत ही विचित्र थी.  सभी लोग गर्मी से व्याकुल थे.  हॉल के अंदर न तो पंखा की व्यवस्था थी और न ही एसी (AC) ही चल रहा था.  हॉल के अंदर (क्षमता से अधिक) लगभग तीन हजार व्यक्ति गर्मी में बंद थे व गर्मी से राहत पाने के लिए लोग अपने invitation card या रुमाल से हवा पाने की कोशिश कर रहे थे.  अपने पसीना पोछने के लिए लोग रुमाल का इस्तेमाल कर रहे थे.  आखिर स्कूल के बच्चे के कार्यक्रम में बच्चे व अभिभावक ही तो वहाँ पहुंचे थे.  वे किसी तरह समय बिता रहे थे.  महामहिम राज्यपाल श्री देवानंद कुमर को आने में लेट (विलम्ब) हुआ इस कारण अपने निर्धारित समय से कार्यक्रम प्रारंभ नहीं हुआ.  04:38 pm में कार्यक्रम प्रारंभ हुआ.  कार्यक्रम का पहला उद्घोषणा english के Good Evening शब्द के द्वारा संबोधन करके किया गया.  मैं यह सुनकर आश्चर्य में पड़ गया कि अभी 4 बजकर 38 मिनट हुए है और अभी किस आधार पर Good Evening शब्द का प्रयोग किया गया.  पूरा उद्घोषणा english में ही हुयी.  फिर महामहिम राज्यपाल श्री देवानंद कुमर आए.  खड़े होकर राष्ट्रगान गाकर उनका अभिवादन किया गया.  फिर राज्यपाल ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया.  कार्यक्रम के सभी उद्घोषणा english में की गयी.  कुछ लोग अपने भाषण हिन्दी में तो कुछ लोग english में दिए.  राज्यपाल ने लंबे समय तक अपना भाषण english में दिया.  भाषण के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम हुआ जिसमें बच्चों ने नृत्य, गीत, इत्यादि प्रस्तुत किये.  गर्मी, भगवान से वर्षा के लिए प्रार्थना, वर्षा व वर्षा के बाद का आनंद पर कई गीत व नृत्य प्रस्तुत किये गए.  लगभग साढ़े सात बजे शाम तक कार्यक्रम चला.  पर दुःख की बात है कि इस पूरे कार्यक्रम में हॉल की स्थिति व थी न तो पंखा न तो AC पूरे कार्यक्रम के दौरान लोग गर्मी से परेशान रहे.  दर्शक के अलावा मच पर के व्यक्तियों को भी बार-बार रुमाल से अपना पसीना पोछते हुए देखा गया.  वैसे मंच पर एक-दो stand fan दिखाई दे रहा था पर वह ऊँट के मुंह में जीरा का फोरन ही साबित हो रहा था.  सभी लोग गर्मी से परेशान थे.  यहाँ तक कि महामहिम राज्यपाल भी अपने भाषण के दौरान गर्मी से परेशान थे और तब उनके bodyguard ने रुमाल मंगवाकर उनके पास रुमाल भिजवाया और तब राज्यपाल ने रुमाल से अपने चेहरे के पसीना को पोछा.  अपने भाषण के बाद कुछ देर तक राज्यपाल ने कार्यक्रम देखा फिर चले गए.  गर्मी से लोगों की हालत तो व्याकुल थी कई लोग कार्यक्रम समाप्त होने से पहले ही चले गए.  कई बच्चे व कि अभिभावक भी हॉल से बाहर निकलकर शारीर में हवा लगाकर व आइसक्रीम, कुल्फी या मूंगफली वगैरह खाकर अपने शरीर को रहत दे रहे थे.  पूरे कार्यक्रम के दौरान हॉल में पिने के लिए पानी व कोई नाश्ता का कोई व्यवस्था नहीं किया गया.  बल्कि साढ़े सात बजे के लगभग जब कार्यक्रम समाप्त हुआ तब जाते समय गाते पर लोगों को नाश्ता के एक-एक packet दिया जा रहा था. .....................
मैं ज्ञान निकेतन के principal व समारोह के व्यवस्थापक सहित संबंधित लोग से जानना चाहता हूँ कि वे उस हॉल में AC की व्यवस्था क्यों नहीं किया गया?  जानकारी के अनुसार हॉल में बैठने के लिए 2500 सीट है.  पर सीट फुल होने के बाद कितने लोग खड़े थे.  यानी स्पष्ट है कि कि उस हॉल में 2500 से अधिक व्यक्ति थे.  यानी लगभग तीन हजार व्यक्ति को उस हॉल में बंद कर गर्मी में कार्यक्रम हो रहा था जहाँ गर्मी से निजात पाने की कोई व्यवस्था नहीं थी.  आखिर कार्यक्रम के आयोजक का विद्यार्थी व अभिभावक के साथ कैसा व्यवहार करने की मंशा थी?  इस प्रकार के कुव्यवस्था के कार्यक्रम में महामहिम राज्यपाल को बुलाना राज्यपाल का भी अपमान है.  आखिर इस प्रकार के अव्यवस्था के लिए कौन जिम्मेवार है? 
आखिर इस प्रकार के अव्यवस्था के लिए कौन जिम्मेवार है?  क्या इस प्रकार के आयोजन के व्यवस्था को देखने वाला कोई नहीं है?  उस बंद कमरे में गर्मी में विद्यार्थी या अभिभावक के स्वास्थ्य  खराब होने के लिए जिम्मेवार कौन है?

आशा करता हूँ कि मेरे इस लेख के पाठक टिप्पणी करके अपने विचार देंगे.

आपका
महेश कुमार वर्मा
Mahesh Kumar Verma
Mob.: +919955239846

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