चाइनीज सामानों का बहिष्कार क्यों?
नमस्कार.
कल दिवाली का पर्व मनाया जाने वाला है. कितने लोग इस पर्व पर खासकर चाइनीज सामानों का बहिष्कार कर रहे हैं. और वे चाइनीज पटाखा व झालर न खरीदने पक्ष में हैं. वे लोग इस दिवाली के बाहर भी चाइनीज सामान न खरीदने के लिए अभियान चला रहे हैं. पर सीधी सी बात है कि चाइनीज सामान हमें सस्ता व सुलभ मिलेगा तो हम उसे क्यों नहीं खरीदेंगे? सवाल है कि आखिर लोग चाइनीज सामान का बहिष्कार क्यों कर रहे हैं? इस सवाल पर उनलोगों का तर्क यही है कि चीन पाकिस्तान का साथ देता है. ...............
पर सच पूछिये तो आम लोग को न तो चीन से कोई दिक्कत है न तो पाकिस्तान से कोई दिक्कत है. हम आम लोगों को तो हिन्दुस्तान यानी भारत के ही हरेक विभाग व हरेक ऑफिस में बैठे भ्रष्टाचार से दिक्कत है. जिसके कारण देश के करोड़ो लोगों को उनका उचित लाभ नहीं मिल रहा है. यही वह भ्रष्टाचार है जिसके कारण आज कई लोग बेगुनाह होते हुए भी जेल में सजा काट रहे हैं. यही वह भ्रष्टाचार है जिसके कारण आज अपराधी खुला घूम रहा है और हम उन्हें कुछ नहीं कर पाते हैं और इस तरह उन्हें और भी अपराध करने में बल मिलता है. यही वह भ्रष्टाचार है जिसके कारण आज कई पीड़ितों को उचित न्याय नहीं मिलता है. और कईयों को बोलने का भी अधिकार नहीं है. यही वह भ्रष्टाचार है जिसके कारण आज कई लोग न्याय न मिलने के कारण व अपराधी के अलावा भ्रष्ट सरकारी तंत्र व भ्रष्ट कानून व्यवस्था से तंग आकर खुद अपराधी बनने के लिए विवश हो रहे हैं या मानसिक रूप से पागल हो जा रहे है या आत्महत्या कर ले रहे हैं. और जो अपराधी नहीं बना या आत्महत्या नहीं किया उसे या तो उसके विपक्षी मार दे रहे हैं या वह जीवन भर घुट-घुट कर मरने को विवश हैं. ..........................
इन सब स्थिति के पीछे का मुख्य कारण हमारे देश में हरेक जगह फैले भ्रष्टाचार ही है. सोचें जब इस भ्रष्टाचार से इतना नुकसान है तो हम इस भ्रष्टाचार के विरोध में आगे क्यों नहीं आते हैं? सोचें कि क्या भ्रष्टाचार का विरोध न कर क्या हम इस भ्रष्ट तंत्र का समर्थन नहीं कर रहे हैं? ...............
जब इस प्रकार हम भ्रष्टाचार का विरोध न कर भ्रष्ट तंत्र का समर्थन कर रहे हैं तो सोचें कि हम अपने देश व समाज के लिए क्या अच्छा कर रहे हैं? ................ मैं सिर्फ कहना यही चाहता हूँ कि सिर्फ यह कहकर कि चीन पाकिस्तान का समर्थन करता है, इसलिए चीनी सामानों का बहिष्कार करना है, यह किसी भी अर्थ में सही नहीं है. यह एक अंधभक्ति के अलावा कुछ भी नहीं है. .................... जी हाँ, यदि आप देशहित में या समाज हित में कुछ करना चाहते हैं तो आपको इस चीनी सामानों का बहिष्कार को छोड़कर पहले अपने ही देश में फैले भ्रष्टाचार का बहिष्कार करना चाहिए और इस भ्रष्टाचार रूपी कीड़े को समाप्त करना चाहिए. ..............................
जी हाँ, मेरा व्यक्तिगत बात लीजियेगा तो मुझे यह कहते हुए कोई दिक्कत नहीं है कि मुझे न तो पाकिस्तान से दिक्कत है, न मुझे चीन से दिक्कत है और न मुझे चीनी सामानों से ही दिक्कत है. मुझे तो दिक्कत है अपने ही देश में फैले भ्रष्टाचार से. मुझे यह कहने में भी कोई दिक्कत नहीं है कि मैं अपने ही देश में फैले भ्रष्टाचार, अन्याय, कुव्यवस्था व भ्रष्ट तंत्र के के शिकार हूँ और मैं इस हद तक पीड़ित हो गया हूँ कि इन सबों के कारण मैं खुद मौत के निकट आते जा रहा हूँ और यह संभव है कि अब मैं मात्र कुछ ही दिनों के लिए इस दुनियाँ में रहूँ क्योंकि कब मेरे साथ क्या होगा यह मैं नहीं कह सकता हूँ. और मेरे मौत के जिम्मेवार अन्य लोग के अलावा ये सारे भ्रष्ट तंत्र व भ्रष्टाचार ही होंगे चाहे वह सरकारी हो या निजी. ...............
मेरे साथ जो जैसा किया मैं उसे ही लेकर चलता हूँ. अतः मैं निजी रूप से न तो चीन का विरोध करता हूँ, न तो पाकिस्तान का विरोध करता हूँ और न तो मैं चीनी सामान या पाकिस्तानी सामानों का ही विरोध या बहिष्कार करता हूँ. बल्कि मैं अपने ही देश में फैले भ्रष्टाचार का विरोध करता हूँ. .......................
जो लोग, अंध देशभक्त होंगे उन्हें मेरा बात बुरा लग रहा होगा और वे मुझे एक देशद्रोही ही कहेंगे. जिन्हें जो कहना हो कह लें. पर यह एक कटु सच्चाई है और अंधभक्त को कटु सच्चाई चुभेगी ही. वैसे लोग मुझे अपने फ्रेंड लिस्ट से निकालना चाहें तो स्वेच्छा से निकाल सकते हैं.
पर बुद्धिमान, विद्वान व अन्य लोगों का प्रतिक्रिया का स्वागत है. वे कृपया अपनी बहुमूल्य प्रतिक्रिया यहाँ दें.
आपका -
महेश कुमार वर्मा
29.10.2016
06:08 Pm
कल दिवाली का पर्व मनाया जाने वाला है. कितने लोग इस पर्व पर खासकर चाइनीज सामानों का बहिष्कार कर रहे हैं. और वे चाइनीज पटाखा व झालर न खरीदने पक्ष में हैं. वे लोग इस दिवाली के बाहर भी चाइनीज सामान न खरीदने के लिए अभियान चला रहे हैं. पर सीधी सी बात है कि चाइनीज सामान हमें सस्ता व सुलभ मिलेगा तो हम उसे क्यों नहीं खरीदेंगे? सवाल है कि आखिर लोग चाइनीज सामान का बहिष्कार क्यों कर रहे हैं? इस सवाल पर उनलोगों का तर्क यही है कि चीन पाकिस्तान का साथ देता है. ...............
पर सच पूछिये तो आम लोग को न तो चीन से कोई दिक्कत है न तो पाकिस्तान से कोई दिक्कत है. हम आम लोगों को तो हिन्दुस्तान यानी भारत के ही हरेक विभाग व हरेक ऑफिस में बैठे भ्रष्टाचार से दिक्कत है. जिसके कारण देश के करोड़ो लोगों को उनका उचित लाभ नहीं मिल रहा है. यही वह भ्रष्टाचार है जिसके कारण आज कई लोग बेगुनाह होते हुए भी जेल में सजा काट रहे हैं. यही वह भ्रष्टाचार है जिसके कारण आज अपराधी खुला घूम रहा है और हम उन्हें कुछ नहीं कर पाते हैं और इस तरह उन्हें और भी अपराध करने में बल मिलता है. यही वह भ्रष्टाचार है जिसके कारण आज कई पीड़ितों को उचित न्याय नहीं मिलता है. और कईयों को बोलने का भी अधिकार नहीं है. यही वह भ्रष्टाचार है जिसके कारण आज कई लोग न्याय न मिलने के कारण व अपराधी के अलावा भ्रष्ट सरकारी तंत्र व भ्रष्ट कानून व्यवस्था से तंग आकर खुद अपराधी बनने के लिए विवश हो रहे हैं या मानसिक रूप से पागल हो जा रहे है या आत्महत्या कर ले रहे हैं. और जो अपराधी नहीं बना या आत्महत्या नहीं किया उसे या तो उसके विपक्षी मार दे रहे हैं या वह जीवन भर घुट-घुट कर मरने को विवश हैं. ..........................
इन सब स्थिति के पीछे का मुख्य कारण हमारे देश में हरेक जगह फैले भ्रष्टाचार ही है. सोचें जब इस भ्रष्टाचार से इतना नुकसान है तो हम इस भ्रष्टाचार के विरोध में आगे क्यों नहीं आते हैं? सोचें कि क्या भ्रष्टाचार का विरोध न कर क्या हम इस भ्रष्ट तंत्र का समर्थन नहीं कर रहे हैं? ...............
जब इस प्रकार हम भ्रष्टाचार का विरोध न कर भ्रष्ट तंत्र का समर्थन कर रहे हैं तो सोचें कि हम अपने देश व समाज के लिए क्या अच्छा कर रहे हैं? ................ मैं सिर्फ कहना यही चाहता हूँ कि सिर्फ यह कहकर कि चीन पाकिस्तान का समर्थन करता है, इसलिए चीनी सामानों का बहिष्कार करना है, यह किसी भी अर्थ में सही नहीं है. यह एक अंधभक्ति के अलावा कुछ भी नहीं है. .................... जी हाँ, यदि आप देशहित में या समाज हित में कुछ करना चाहते हैं तो आपको इस चीनी सामानों का बहिष्कार को छोड़कर पहले अपने ही देश में फैले भ्रष्टाचार का बहिष्कार करना चाहिए और इस भ्रष्टाचार रूपी कीड़े को समाप्त करना चाहिए. ..............................
जी हाँ, मेरा व्यक्तिगत बात लीजियेगा तो मुझे यह कहते हुए कोई दिक्कत नहीं है कि मुझे न तो पाकिस्तान से दिक्कत है, न मुझे चीन से दिक्कत है और न मुझे चीनी सामानों से ही दिक्कत है. मुझे तो दिक्कत है अपने ही देश में फैले भ्रष्टाचार से. मुझे यह कहने में भी कोई दिक्कत नहीं है कि मैं अपने ही देश में फैले भ्रष्टाचार, अन्याय, कुव्यवस्था व भ्रष्ट तंत्र के के शिकार हूँ और मैं इस हद तक पीड़ित हो गया हूँ कि इन सबों के कारण मैं खुद मौत के निकट आते जा रहा हूँ और यह संभव है कि अब मैं मात्र कुछ ही दिनों के लिए इस दुनियाँ में रहूँ क्योंकि कब मेरे साथ क्या होगा यह मैं नहीं कह सकता हूँ. और मेरे मौत के जिम्मेवार अन्य लोग के अलावा ये सारे भ्रष्ट तंत्र व भ्रष्टाचार ही होंगे चाहे वह सरकारी हो या निजी. ...............
मेरे साथ जो जैसा किया मैं उसे ही लेकर चलता हूँ. अतः मैं निजी रूप से न तो चीन का विरोध करता हूँ, न तो पाकिस्तान का विरोध करता हूँ और न तो मैं चीनी सामान या पाकिस्तानी सामानों का ही विरोध या बहिष्कार करता हूँ. बल्कि मैं अपने ही देश में फैले भ्रष्टाचार का विरोध करता हूँ. .......................
जो लोग, अंध देशभक्त होंगे उन्हें मेरा बात बुरा लग रहा होगा और वे मुझे एक देशद्रोही ही कहेंगे. जिन्हें जो कहना हो कह लें. पर यह एक कटु सच्चाई है और अंधभक्त को कटु सच्चाई चुभेगी ही. वैसे लोग मुझे अपने फ्रेंड लिस्ट से निकालना चाहें तो स्वेच्छा से निकाल सकते हैं.
पर बुद्धिमान, विद्वान व अन्य लोगों का प्रतिक्रिया का स्वागत है. वे कृपया अपनी बहुमूल्य प्रतिक्रिया यहाँ दें.
आपका -
महेश कुमार वर्मा
29.10.2016
06:08 Pm
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