सबसे बड़ा अपराधी
अपने आसपास जब नजर दौड़ाता हूँ तो हमें सबसे बड़ा अपराधी के रूप में पुलिस वाले ही दिखाई पड़ते हैं। ये पुलिस वाले चौक चौराहा पर गाड़ी वाले, ऑIटो वाले से नाजायज पैसे वसूल करते हैं, ये ऑटो पर सवार होकर एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते हैं पर ऑटो वाले को किराया भी नहीं देते हैं। चौक चौराहे पर फुटपाथ पर लगने वाले दुकान से ये खा लेते हैं पर उन्हें पैसे तक नहीं देते हैं। हर जगह पुलिस का मनमाना है। जहां इनकी जरूरत होती है वहां ये नहीं जाते हैं और जहां इनकी जरूरत नहीं होती है वहां ये बेवजह लोगों को तंग करते हैं।
यह सोचनीय है कि पुलिस वाले की स्थिति ऐसी क्यों है?
सही में यदि हमारा पुलिसिया तंत्र ठीक हो जाए तो 75% अपराध खुद बंद हो जाएगी।
-महेश कुमार वर्मा
01.07.2017
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#हिन्दी_ब्लॉगिंग
अपने आसपास जब नजर दौड़ाता हूँ तो हमें सबसे बड़ा अपराधी के रूप में पुलिस वाले ही दिखाई पड़ते हैं। ये पुलिस वाले चौक चौराहा पर गाड़ी वाले, ऑIटो वाले से नाजायज पैसे वसूल करते हैं, ये ऑटो पर सवार होकर एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते हैं पर ऑटो वाले को किराया भी नहीं देते हैं। चौक चौराहे पर फुटपाथ पर लगने वाले दुकान से ये खा लेते हैं पर उन्हें पैसे तक नहीं देते हैं। हर जगह पुलिस का मनमाना है। जहां इनकी जरूरत होती है वहां ये नहीं जाते हैं और जहां इनकी जरूरत नहीं होती है वहां ये बेवजह लोगों को तंग करते हैं।
यह सोचनीय है कि पुलिस वाले की स्थिति ऐसी क्यों है?
सही में यदि हमारा पुलिसिया तंत्र ठीक हो जाए तो 75% अपराध खुद बंद हो जाएगी।
-महेश कुमार वर्मा
01.07.2017
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