भ्रूण हत्या एक जघन्य अपराध है व यह मानव जाति के लिए कलंक है। हरेक सफलता के पीछे एक नारी का हाथ होता है और जब हम उस नारी जाति के भ्रूण को जन्म से पहले ही नष्ट कर देते हैं तो इस मनुष्य के लिए इससे बड़ी कलंक की बात और क्या हो सकती है? धिक्कार है उसको जो किसी भी प्रकार से भ्रूण हत्या में लिप्त हैं........
यह कहना किसी भी अर्थ में सही नहीं है कि बेटा या पुत्र से ही उद्धार होता है। ........आज तो ऐसा कई बार देखा गया है कि पिता जिस पुत्र से आशा रखता है वही पुत्र उसके मृत्यु का कारण भी बनता है। ........... यदि हम आध्यात्म में गहरे तक जाएँ तो हम इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते कि मोक्ष या उद्धार ईश्वर प्राप्ति संतान के नर या मादा होने पर कभी भी निर्भर नहीं करता है।जिस नारी जाति से सारी मनुष्य जाति चाहे वह नर हो या मादा का जन्म होता है, उस नारी जाति के भ्रूण को जन्म से पहले ही नष्ट कर देना या उससे घृणा करना मनुष्य के लिए एक घिनौना कार्य ही है। ................
--महेश कुमार वर्मा
दिनांक : २०।०७।२००८
स्थान : पटना
लेखक : MAHESH KUMAR VERMA
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1 comment:
निश्चित ही घिनौना कार्य है.
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