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Justice For Mahesh Kumar Verma

Sunday, December 30, 2012

महिला हूँ तो क्या हुआ

 महिला हूँ तो क्या हुआ



महिला हूँ तो क्या हुआ
मैं भी मानव हूँ
 मुझमें भी दिल व दिमाग है
मुझमें भी साहस व शक्ति है
 अब तक सहती रही
बहुत सही अत्याचार
 पर अब न सहूंगी
 अब न सहूंगी



-- महेश कुमार वर्मा 

4 comments:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल सोमवार (31-112-2012) के चर्चा मंच-1110 (साल की अन्तिम चर्चा) पर भी होगी!
सूचनार्थ!
--
कभी-कभी मैं सोचता हूँ कि चर्चा में स्थान पाने वाले ब्लॉगर्स को मैं सूचना क्यों भेजता हूँ कि उनकी प्रविष्टि की चर्चा चर्चा मंच पर है। लेकिन तभी अन्तर्मन से आवाज आती है कि मैं जो कुछ कर रहा हूँ वह सही कर रहा हूँ। क्योंकि इसका एक कारण तो यह है कि इससे लिंक सत्यापित हो जाते हैं और दूसरा कारण यह है कि पत्रिका या साइट पर यदि किसी का लिंक लिया जाता है उसको सूचित करना व्यवस्थापक का कर्तव्य होता है।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

महेश कुमार वर्मा : Mahesh Kumar Verma said...

श्रीमानजी (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक जी),
आप मेरे विचार को अन्य लोगों पहुंचाएं तो इसमें मुझे आपत्ति नहीं है। हाँ लिंक या पोस्ट अन्य साईट साईट पर लगाने की सुचना दे देना ही ठीक है। इससे मूल रचनाकार को यह पता चल चल जाता है कि उसकी रचना कहाँ-कहाँ प्रकाशित है।
आपको मेरी रचना पसंद आयी इसके लिए धन्यवाद।

आपका
महेश

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आपकी पीड़ा आपकी अभिवयक्ति में झलकती है |

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