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Justice For Mahesh Kumar Verma

Monday, March 25, 2013

होली : शुभकामना, निवेदन व अपील


होली : शुभकामना, निवेदन व अपील



सबों को पवित्र होली की ढ़ेर सारी शुभकामनाएँ।

पवित्र होली प्रेम व आपसी भाईचारा का पर्व है अतः इसे प्रेम व भाईचारा का ही पर्व रहने दें। इसे किसी विवाद व शत्रुता का बदला लेने का पर्व न बनाएँ। तथा सभी तरह का वैर व कटुता का भाव भुलाकर आपसी प्रेम-भाव बनाए रखें। किसी के साथ जोर-जबरदस्ती नहीं करें। जबरन किसी को रंग या गुलाल न लगायें।

धन्यवाद।

आपका - 
महेश 

होली : शुभकामना व निवेदन

होली : शुभकामना व निवेदन 



सबों को पवित्र होली की ढ़ेर सारी शुभकामनाएँ।

पवित्र होली प्रेम व आपसी भाईचारा का पर्व है अतः इसे प्रेम व भाईचारा का ही पर्व रहने दें। इसे किसी विवाद व शत्रुता का बदला लेने का पर्व न बनाएँ। किसी के साथ जोर-जबरदस्ती नहीं करें। जबरन किसी को रंग या गुलाल न लगायें।

धन्यवाद।

आपका - 
महेश 

Thursday, March 21, 2013

जिंदा हूँ सब जानते हैं

जिंदा हूँ सब जानते हैं 



जिंदा हूँ सब जानते हैं 
पर मर गया ऐसा वो मानते हैं
या मेरे लिएअपने को मृत समझते हैं
इसीलिए तो मुझसे दूरी बनाये रहते हैं
जिंदा हूँ सब जानते हैं 
पर मर गया ऐसा वो मानते हैं

मैं तो कई बार मरके भी जिंदा हूँ
पर तुम तो जिंदा रहके भी मृत हो
मैँ जिंदा हूँ तुम्हारे प्यार पाने को
पर तुम मृत हो मुझे तडपाने को

छुप-छुप कर मिलना
रात-रात भर बातें करना
अपने दिल की बात बताना
यह सब मुझे याद है
पर तुम्हारे बिना जीवन ये बर्बाद है

क्यों आने दिया दुनियाँ को
हमारे संबंध व प्यार के बीच
दुनियाँ वाले तो मजा उड़ाएँगे
पर वे प्यार को कभी न समझ पाएँगे
जिंदा हूँ सब जानते हैं
पर मर गया ऐसा वो मानते हैं

जिंदा हूँ सब जानते हैं
पर मर गया ऐसा वो मानते हैं




-- महेश कुमार वर्मा 
21.03.2013

छत्तीस साल पहले

छत्तीस साल पहले 

छत्तीस साल पहले 
आज ही के दिन 
मेरी माँ ने मुझे दिया था जन्म 
पर आज जिंदा रहके भी 
दोनों को मिला है मरण 
क्योंकि दुनियाँ वालों ने 
दोनों को एक-दुसरे से छिना 
फिर मारने की धमकी के कारण 
माँ ने मुझसे मिलना  छोड़ा 
था मैं उनतीस का 
और आज हूँ मैं छत्तीस का 
सात साल बीत गए 
पर माँ है उसी कातिल पुत्र के साथ 
जिसने आठ साल पहले 
पिता को मारा 
भूखे रखकर उन्हें मार डाला 
और घर पर अधिकार जमाया 
बीवी की बात मानी 
पर उसे भी धोखा दिया 
जिस कारण बीवी ने उन्हें छोड़ दिया 
व एक नहीं चार-चार को 
जेल का हवा खाना पड़ा 
पिताजी का संजोया परिवार 
बिखर-बिखर कर रह गया 
छत्तीस साल पहले
आज ही के दिन 
मेरी माँ ने मुझे दिया था जन्म 
पर आज जिंदा रहके भी 
दोनों को मिला है मरण 
छत्तीस साल पहले
आज ही के दिन 
मेरी माँ ने मुझे दिया था जन्म 

-- महेश कुमार वर्मा
21.03.2013

Friday, March 8, 2013

देश के बहना जागो

जागो बहना


मैं अपने देश के तमाम बहनों से आग्रह करना चाहूँगा कि वे महिला प्रताड़ना के विरुद्ध आवाज उठाएं।




देश के बहना जागो
तुम मानव हो
तुममे बुद्धि-विवेक है
अतः अपने बुद्धि-विवेक का इस्तेमाल करो
अन्याय के विरुद्ध लड़ो
समाज से महिला प्रताड़ना को उखाड़ फेंको 
व महिलाओं को शीर्ष स्थान पर स्थापित करो
जागो बहना जागो 
जागो बहना जागो



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