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Justice For Mahesh Kumar Verma

Thursday, March 21, 2013

छत्तीस साल पहले

छत्तीस साल पहले 

छत्तीस साल पहले 
आज ही के दिन 
मेरी माँ ने मुझे दिया था जन्म 
पर आज जिंदा रहके भी 
दोनों को मिला है मरण 
क्योंकि दुनियाँ वालों ने 
दोनों को एक-दुसरे से छिना 
फिर मारने की धमकी के कारण 
माँ ने मुझसे मिलना  छोड़ा 
था मैं उनतीस का 
और आज हूँ मैं छत्तीस का 
सात साल बीत गए 
पर माँ है उसी कातिल पुत्र के साथ 
जिसने आठ साल पहले 
पिता को मारा 
भूखे रखकर उन्हें मार डाला 
और घर पर अधिकार जमाया 
बीवी की बात मानी 
पर उसे भी धोखा दिया 
जिस कारण बीवी ने उन्हें छोड़ दिया 
व एक नहीं चार-चार को 
जेल का हवा खाना पड़ा 
पिताजी का संजोया परिवार 
बिखर-बिखर कर रह गया 
छत्तीस साल पहले
आज ही के दिन 
मेरी माँ ने मुझे दिया था जन्म 
पर आज जिंदा रहके भी 
दोनों को मिला है मरण 
छत्तीस साल पहले
आज ही के दिन 
मेरी माँ ने मुझे दिया था जन्म 

-- महेश कुमार वर्मा
21.03.2013

1 comment:

दिनेशराय द्विवेदी said...

जन्म को इस बुरी तरह याद नहीं करते।
दुनिया में बुरी चीजें बहुत हैं।
पर कुछ अच्छी भी हैं। उन्हें भी स्मरण करो।
जन्मदिन मुबारक हो!

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