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Justice For Mahesh Kumar Verma

Friday, March 21, 2008

होली के अवसर पर एक अपील

पवित्र होली का पर्व आपस में वैर व दुश्मनी या शत्रुता की भावना भुलाकर आपस में प्रेम स्थापित करने का पर्व है। पर आज कितने लोग अपने पुराने दुश्मनी का बदला होली के दिन ही लेते हैं तथा कितने लोग होली के दिन शरारत करने से नहीं चुकते हैं। पर हमें ख्याल रखना चाहिए की पवित्र होली का पर्व शरारत करने का पर्व नहीं है बल्कि यह प्रेम का पर्व है। इस होली के अवसर पर मैं सबों से अपील करना चाहता हूँ कि वे होली का पर्व प्रेम पूर्वक मनाएं न कि शरारती के साथ तथा आपसी वैर भावना भुलाकर आपस में प्रेम स्थापित करें। साथ ही मांस-मदिरा का सेवन भी त्यागना चाहिए।

होली के शुभकामनाओं के साथ।

आपका
महेश कुमार वर्मा
http://popularindia.blogspot.com/

Sunday, March 9, 2008

मेरा जीवन खुला किताब

मेरा जीवन खुला किताब खुला ही रह गया
न कोई जान सका न कोई पहचान सका
यह यों पड़ा ही रह गया
मेरा जीवन खुला किताब खुला ही रह गया
चिट्ठाजगत
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