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Justice For Mahesh Kumar Verma

Justice For Mahesh Kumar Verma--------------------------------------------Alamgang PS Case No....

Posted by Justice For Mahesh Kumar Verma on Thursday, 27 August 2015
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Sunday, October 24, 2010

जब दुःख की बदली छाती है

जब दुःख की बदली छाती है

जब दुःख की बदली छाती है
लोग दूरी बढा लेते हैं
अपना पराया हो जाता है
सच बोलने से वह कतराता है
पर जब होता है उसे अपना काम
तब मीठी-मीठी बातों से
निकालता है अपना काम
क्योंकि दूनियाँ हो गया है स्वार्थी
यहाँ कोई नहीं है हमदर्दी
दूनियाँ हो गया है स्वार्थी
दूनियाँ हो गया है स्वार्थी


-- महेश कुमर वर्मा
Mahesh Kumar Verma
Mobile: +919955239846



Friday, December 5, 2008

शहीदों को श्रद्धांजलि

क्या फायदा हुआ तुम्हें

किसी का घर सुना करके

किसी के मांग का सिंदूर उतार के

किसी को अनाथ करके

किसी को यों ही तड़पा के

किसी को बेमौत मार के

क्या फायदा हुआ तुम्हें

सबों को दर्द देके

है तुम्हारे पास कोई जवाब

नहीं है

क्योंकि तुम ख़ुद बेदर्द हो

क्या जानोगे दुसरे के दर्द

पर याद रखना

परमात्मा के दरबार में

तुम्हें तुम्हारे हर कर्म का जवाब देना होगा

हर कर्म का जवाब देना होगा

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शहीदों को श्रद्धांजलि

-- महेश कुमार वर्मा

Sunday, September 14, 2008

सत्य धर्म से प्यार

किसे सुनाऊँ मैं अपनी हाल
हाल मेरा है बेहाल
मर जाऊँगा मिट जाऊँगा
नहीं मानूंगा मैं हार
झूठ को नहीं स्वीकारुँगा
सत्य को नहीं छोडूँगा
मुझको तो है सत्य धर्म से प्यार
मुझको तो है सत्य धर्म से प्यार

Friday, July 25, 2008

संतमत आश्रम या अपराध का अड्डा

नीचे के समाचार को पढ़ें व विचारे:

जब संतमत-सत्संग के आश्रम में इस प्रकार की घटना हो सकती है तो अन्य जगह ऐसी घटना नहीं होगी यह कैसी सुनिश्चित की जाएगी? जो संतमत-सत्संग ख़ुद अपने प्रमुख आश्रम को व अपने प्रमुख संतों को सुरक्षित नहीं रख सकी तथा आरोपी भी प्रमुख संत-महात्मा ही है, वह संतमत-सत्संग कैसे शान्ति फैलाएगी? कैसे अब लोग इन साधु-महात्माओं पर विश्वास करे???

ताजा समाचार है कि जिन्हें गोली लगी उनहोंने कल यानि २४.०७.२००८ को दम तोड़ दिया।

अब आप सोचें कि अध्यात्म के आड़ में संतमत-सत्संग का आश्रम क्या अपराध का अड्डा नहीं बन रहा है?

शान्ति के संदेश देने वाले साधु-महात्मा क्या अपराध नहीं कर रहे हैं?

तो नीचे २३.०७.२००८ के समाचार-पत्र का समाचार पढें व विचारें। उल्लेखनिए है कि साधु दयानंद ने २४.०७.२००८ को दम तोड़ दिया है।

http://in.jagran.yahoo.com/epaper/index.php?location=3&edition=2008-07-23&pageno=1#

http://in.jagran.yahoo.com/epaper/index.php?location=3&edition=2008-07-23&pageno=17#

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भागलपुर, अपराध संवाददाता : जिले के बरारी थाना अंतर्गत कुप्पा घाट स्थित महर्षि मेही आश्रम पर कब्जे को लेकर सोमवार की देर रात आश्रम के एक साधु दयानंद दास को गोली मार दी गई। जिन्हें गंभीर हालत में जेएलएनएमसीएच में भर्ती कराया गया, जहां उनकी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। इस संबंध में स्वामी दयानंद के बयान पर मंगलवार को आश्रम के चार पदाधिकारियों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। जिनमें महर्षि मेंही आश्रम में कब्जे को लेकर साधु को मारी गोली महर्षि मेंही आश्रम .. अखिल भारतीय संतमत सतसंग महासभा के आशुतोष बाबा, महामंत्री करुनेश्वर सिंह, सह मंत्री राजेन्द्र सिंह व प्रबंधक महापात्रा बाबा के नाम शामिल हैं। इधर, देर शाम डीआईजी रघुनाथ प्रसाद सिंह आश्रम पहुंच मौके का जायजा लिया तथा घटना को आश्रम विवाद का नतीजा बताया। उन्होंने कहा कि जांच के बाद ही आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उधर, एसपी कुंदन कृष्णन को आशंका है कि महंत को उसकी ही रिवाल्वर से गोली लगी है। यदि हत्या की नीयत से गोली चलाई गई होती तो गोली कमर की नीचले हिस्से में क्यों लगती। फिर भी मामले की जांच की जा रही है। सुपौल जिले के करजाइन बाजार निवासी वैद्यनाथ प्रसाद यादव के पुत्र स्वामी दयानंद दास ने प्राथमिकी में कहा है कि वह गुरुमहाराज के समाधि स्थल के पीछे स्थित कमरा नंबर तीन में सो रहे थे तथा कमरे का दरवाजा खुला हुआ था। इसी बीच रात के पौने तीन बजे के करीब उसके कमर में गोली मार दी गई। गोली लगते ही वे विस्तर से नीचे गिर चिल्लाने लगे परन्तु वहां कोई नहीं आया। बाद में उन्हें मायागंज अस्पताल में भर्ती कराया गया। उन्होंने कहा कि नामजद चारों लोग मिलकर आश्रम से उसे निकालवाना चाहते थे। क्योंकि आश्रम में हो रहे गोरख धंधे की उसे जानकारी थी। इसके अलावा वे आशुतोष बाबा का आचार्य के उत्तराधिकारी बनने का भी विरोध करते थे। उन्होंने बताया कि उनके मित्र पंकज दास को जबसे आश्रम से बाहर निकाला गया है तब से उसने आशुतोष बाबा को प्रणाम करना तक बंद कर दिया था। इस बात को लेकर भी आशुतोष बाबा नाखुश थे। इन्हीं सब कारणों से एक साजिश के तहत इस घटना को अंजाम दिया गया। इस संबंध में कमरा नंबर एक में रहनेवाले मोनू बाबा, कमरा नंबर पांच के तेजनारायण जो आश्रम की खेती करते हैं तथा सामने वाले कमरे में रहने वाले सफाईकर्मी योगेन्द्र सिंह ने बताया कि वे लोग सो रहे थे। जिस समय घटना घटी उस समय बिजली नहीं थी। इन लोगों का कहना है कि घटना को सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया तथा घटना के वक्त मोनू बाबा व तेजनारायण के कमरे को भी बाहर से बंद कर दिया गया था। इधर, मंत्री राजेन्द्र सिंह, व्यवस्थापक महापात्रा व आशुतोष बाबा ने लगाए गए आरोपों को बेबुनियाद बताया है। इनलोगों ने दयानंद दास को आश्रम से निकालने की बात को गलत करार देते हुए कहा कि आश्रम के लोग ऐसी घिनौनी हरकत नहीं करेंगे। उनलोगों ने बताया कि महामंत्री करूणेश्र्वर सिंह 19 जुलाई से ही बाहर हैं। घटना के कारणों के बारे में अनभिज्ञता जाहिर करते हुए इन लोगों ने इसकी निंदा की है। जांच पूर्व निर्णय तक पहुंचना जल्दबाजी : हरिनंदन बाबा भागलपुर : महर्षि मेंही आश्रम के आचार्य स्वामी हरिनंदन बाबा ने कहा कि घटना की जानकारी उन्हें वार्निग घंटी के बाद रात्रि करीब पौने तीन बजे हुई। हालांकि घटना की वास्तविकता का अब तक उन्हें जानकारी नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि घटना को अंजाम बाहरी तत्वों या फिर आश्रम के लोगों द्वारा दिया गया है यह विचारनीय बिंदु है। इसकी गहन जांच कराई जाएगी तथा जांच पूर्व किसी निर्णय तक पहुंचना जल्दबाजी होगी। इस घटना से आश्रम की प्रतिष्ठा धूमिल हुई है। उन्होंने वर्तमान में आश्रम में किसी तरह के विवाद से भी इनकार किया है। व्यवस्था में कमी की बात मानते हुए उन्होंने कहा कि देर शाम आश्रम में आए बाहरी लोगों एवं कमरों की अच्छी तरह जांच होनी चाहिए। जांच में कोताही बरतने का नतीजा सामने है।

Tuesday, July 22, 2008

मुझे भी जन्म लेने दो

तुम मुझे क्यों मारना चाहते हो
मैं बेटी बनकर जन्म ले रही हूँ इसीलिए
मेरे बेटी होना से तुम क्यों घबराते हो
दहेज़ के कारण
या बेटी को पराया धन समझते हो
पर तुम्हारा सोचना व्यर्थ है
बेटी पराया धन नहीं है
तुम मुझे उचित शिक्षा देना
मेरे साथ पराये का व्यव्हार न करना
तब तुम देखोगे कि
बेटी बेटा से कहीं अधिक आगे व शुखदायक है
और तब दहेज़ की समस्या भी ख़त्म हो जाएगी
क्या सोचते हो
मेरे जन्म से तुम्हें मोक्ष या परमात्मा-प्राप्ति में संदेह है
पर तुम्हें यह समझाना चाहिए कि
मोक्ष या परमात्मा-प्राप्ति
संतान के बेटा या बेटी होने पर निर्भर नहीं करता है
यह निर्भर करता है तुम्हारे ध्यान-साधना व तुम्हारे किए कर्म पर
फिर क्या मुझे जन्म से पहले ही मार देने पर
तुम्हें मोक्ष या परमात्मा की प्राप्ति हो जाएगी
कभी नहीं, कभी नही, कभी नहीं
तब फिर तुम मुझे क्यों मारना चाहते हो
तुम्हारी सारी सोच निराधार है
तुमने ही मुझे जन्म लेने के लिए प्रयोजन किया
फिर तुम ही मुझे जन्म से पहले ही मारने का प्रयोजन कर रहे हो
सिर्फ इसीलिए कि मैं नारी जाति का हूँ
पर तुम यह मत भूलो कि
मैं जिसके कोख से जन्म लेने वाली हूँ
वह भी नारी ही है
मुझे जन्म देने वाली माँ भी नारी के कोख से ही जन्म ली है
तुम भी नारी के ही कोख से जन्म लिए हो
इतना ही नहीं
सभी नर व नारी नारी के ही कोख से जन्म लिए हैं
तब फिर तुम मुझे जन्म लेने से क्यों रोकते हो
शायद अब तुम समझ गए होगे कि
नारी बिना यह सृष्टि नहीं चल सकती है
व बेटी पराया नहीं अपना है
मेरे जन्म के प्रयोजन करने वाले मेरे माता-पिता
तुमसे मेरी यही आग्रह है कि
मुझे मारने का प्रयोजन मत करो
व मुझे मत मारो
मुझे भी जन्म लेने दो
मुझे भी जन्म लेने दो


रचनाकार : महेश कुमार वर्मा
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Sunday, July 20, 2008

कन्या भ्रूण हत्या : एक घिनौना कार्य

भ्रूण हत्या एक जघन्य अपराध है व यह मानव जाति के लिए कलंक है। हरेक सफलता के पीछे एक नारी का हाथ होता है और जब हम उस नारी जाति के भ्रूण को जन्म से पहले ही नष्ट कर देते हैं तो इस मनुष्य के लिए इससे बड़ी कलंक की बात और क्या हो सकती है? धिक्कार है उसको जो किसी भी प्रकार से भ्रूण हत्या में लिप्त हैं........


यह कहना किसी भी अर्थ में सही नहीं है कि बेटा या पुत्र से ही उद्धार होता है। ........आज तो ऐसा कई बार देखा गया है कि पिता जिस पुत्र से आशा रखता है वही पुत्र उसके मृत्यु का कारण भी बनता है। ........... यदि हम आध्यात्म में गहरे तक जाएँ तो हम इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते कि मोक्ष या उद्धार ईश्वर प्राप्ति संतान के नर या मादा होने पर कभी भी निर्भर नहीं करता है।जिस नारी जाति से सारी मनुष्य जाति चाहे वह नर हो या मादा का जन्म होता है, उस नारी जाति के भ्रूण को जन्म से पहले ही नष्ट कर देना या उससे घृणा करना मनुष्य के लिए एक घिनौना कार्य ही है। ................

--महेश कुमार वर्मा

दिनांक : २०।०७।२००८

स्थान : पटना

लेखक : MAHESH KUMAR VERMA

पता : DTDC Courier Office,

Satyanarayan Market,

Opposite Maruti (KARLO) Show Room,

Boring Road, Patna (Bihar)

PIN-800001 (INDIA)

E-mail ID : vermamahesh7@gmail.com

Webpges : http://popularindia.blogspot.com/

http://aatm-chintan.blogspot.com/

http://dharm-darshan.blogspot.com/

Contact No. : +919955239846

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भ्रूण हत्या एक जघन्य अपराध

जघन्य अपराध

Friday, January 25, 2008

मेरे देश की कहानी

सुनो सुनो ऐ दुनिया वालों आओ सुनो मेरे देश की कहानी
जहाँ रोज होती है घोटाला और होती है बेईमानी
और कुछ हो या ना हो भ्रष्टाचार ही है देश की निशानी
सुनो सुनो ऐ दुनिया वालों आओ सुनो मेरे देश की कहानी

बेईमानी, भ्रष्टाचार, घुसखोरी और अत्याचार
इसी पर तो टिकी है इस देश की सरकार
नहीं हो भ्रष्टाचार तो ये जी नहीं पाएंगे
इसीलिए तो भ्रष्टाचार को ये कभी नहीं छोड़ेंगे

बढ़ रहे हैं बढ़ रहे हैं ये बढ़ते ही रहेंगे
भ्रष्टाचार को ये नंबर वन का बिजनेस बनाएँगे

तड़पते को रुलाएंगे
मरते को मारेंगे
धर्मं को भुलाएँगे
पैसे को पहचानेंगे
सबों पर अपना रॉब जमाएँगे
दुनियाँ में ताकतवर कहलाएँगे

और कुछ नहीं है इनका विचार
बढ़ते ही रहेगी देश में अत्याचार

पुरुष हो या हो महिला
गरीब हो या हो लाचार
सबों के साथ होगी दुर्व्यवहार व अत्याचार
यही तो है इनको शक्तिशाली कहलाने का आधार

छोड़ देंगे यदि इसे
तो नहीं चल पाएगी इनकी सरकार

यह नई बात नहीं
यह तो है वर्षों पुरानी
यहाँ हमेशा होती रही
बेईमानी ही बेईमानी

बस यही है यहाँ की कहानी
यही है मेरे देश की कहानी
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Sunday, January 13, 2008

विचार : दूध का सेवन कहाँ तक उचित है

आज मिठाई का चलन खूब हो गया है, कोई विशेष समारोह हो तो वहाँ नास्ता में मिठाई , मेहमान को नास्ता कराना हो तो वहाँ मिठाई ........... इत्यादि कई प्रकार से मिठाई का उपभोग हो रहा है। ............ अधिकांश मिठाई के निर्माण में दूध का ही उपयोग किया जाता है। दूध का उपयोग मिठाई बनाने के अलावा भी कई कार्यों में होता है। चाय का उपयोग तो हरेक जगह धड़ल्ले से हो रहा है जिसमें दूध का ही प्रयोग किया जाता है। ........... कुल मिलाकर कहें तो आज दूध का उपयोग लोगों के जीवन का एक अभिन्न अंग बन गया है। ........... पर सोचें कि यह दूध हम कहाँ से लाते हैं? ............ यह दूध हम किसी न किसी स्तनधारी जीव (भारत में मुख्यतः गाय व भैंस) से लेते है, जिसे वह अपने बच्चे के लिए पैदा करती है। हम एक बुद्धिमान व विवेकशील प्राणी मानव होकर एक पशु के बच्चा को अपने माँ का दूध पीने से वंचित कर देते हैं और खुद उसका दूध हम पीते हैं। ........... जब हमें इन पशु से दूध प्राप्त करना होता है तो हम क्या करते हैं? ............... बच्चा को अलग बांध देते हैं फिर वह पशु जिसे दुहना रहता है उसका भी पैर बांध देते हैं और तब फिर हम दुहकर दूध प्राप्त करते हैं। और इस बीच बेचारा वह पशु का बच्चा दूध पीने के लिए छटपटाते रहता है। ..............हम बुद्धिमान व विवेकशील प्राणी होकर कितना जुल्म करते हैं इन बच्चों पर जिसकी माँ ने उसे जन्म देने के बाद उसके आहार के लिए अपने थन / स्तन में दूध उत्पादित करती है उसे हम उस बच्चे को न देकर खुद पीते हैं। ............... क्या यह उचित है? ..............कभी नहीं, नैतिकता के दृष्टि से यह कभी भी उचित नहीं है कि हम सर्वाधिक बुद्धिमान व विवेकशील प्राणी मानव होकर एक पशु के बच्चे पर इस प्रकार का जुल्म करके उसका आहार को हम ग्रहण करें। ............. ख्याल रखें कि कोई भी स्तनधारी जीव चाहे वह मनुष्य हो या पशु वह अपने दूध का उत्पादन सिर्फ अपने शिशु / बच्चा के लिए ही करता है न कि अन्य के लिए और यह प्रकृति का नियम है। .............. इस प्रकार हमें सिर्फ अपने ही माँ का दूध पीने का अधिकार है जो हम अपने शैश्यावस्था में पी चुके होते हैं और इसके अलावा हमें अन्य किसी भी जीव का दूध पीने का कोई अधिकार नहीं है। और इस प्रकार हमें दूध या दूध से बने किसी भी पदार्थ का उपभोग नहीं करना चाहिए क्योंकि दूध हमारे लिए नहीं बल्कि उस बच्चे के लिए होता है जिसे हम भूखे रखकर जबरन उसके माँ के थन से दूध निकालते हैं।
हमें नवजात पशु पर व उसके जननी (माँ) पर जुल्म ढाना बंद करके किसी भी प्रकार से दूध का उपयोग बंद करना चाहिए।

इंसान नहीं हैवान हैं हम

इंसान नहीं हैवान हैं हम
मारते बेकसूर जीव को और
भरते अपना पेट हैं हम
इंसान नहीं हैवान हैं हम
इंसान नहीं हैवान हैं हम

मत कहो हमें सर्वाधिक बुद्धिमान व विवेकशील प्राणी
यहाँ हम रोज करते हैं बेईमानी

करते हैं अत्याचार
होती है बलात्कार
देते हैं रिश्वत
कोई नहीं करता है बहिष्कार

एक दिन नहीं रोज का है धंधा
पहुंचाते हैं पैसा
डालते हैं डाका
देते हैं उसे भी आधा
पैसे दो मौज मनाओ
कुछ न कहेंगे कुछ न करेंगे
अपना काम करते रहो
वे यों ही सोते रहेंगे
न्याय के लिए आने वाले को हंटर लगाएंगे
वे पुलिस हैं पुलिस ही कहलाएंगे
यह थी हमारी एक झलक
यहाँ होती है अत्याचार झपकते ही पलक
अन्याय करने में सब है मतवाला
जो जितना बड़ा है उसका मुँह उतना ही काला

इंसान नहीं हैवान हैं हम
कलियुग के शैतान हैं हम
मत कहो हमें सर्वाधिक बुद्धिमान व विवेकशील प्राणी
हैं हम दुनिया के सर्वाधिक खतरनाक प्राणी
इंसान नहीं हैवान हैं हम
इंसान नहीं हैवान हैं हम

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http://kavimanch.blogspot.com/#poem18

कोई नहीं है मेरा मुझे पहचानकर

आते हैं आंखों में आंसू यह जानकर
कोई नहीं है मेरा मुझे पहचानकर
अंधे हैं वो आँख रखकर
बहरे हैं वो कान रखकर
गूंगे हैं वो मुँह रखकर
कोई नहीं है मेरा मुझे पहचानकर

हैवानियत की हद कर दी उसने
इंसानियत की नाम नहीं है
कितने भी बड़े क्यों न हो
मानवता की पहचान नहीं है
कहने को तो हैं वो सज्जन
पर दुर्जन से कम नहीं हैं
कुछ बोलो तो होगी पिटाई
जल्लाद से वो कम नहीं हैं
हैं वो हैवान इन्सान बनकर
तड़पाते हैं वो हमेशा शैतान बनकर
कोई नहीं है मेरा मुझे पहचानकर
कोई नहीं है मेरा मुझे पहचानकर

Saturday, November 3, 2007

अपना कर्म करते जा

अपना कर्म करते जा
जीवन में आगे बढ़ते जा
देखो कभी न तुम मुड़कर
सोचो कभी न तुम रूककर
हर परिस्थिति में बढ़ते जा
हरेक बढ़ा को तोड़ते जा
अपना कर्म करते जा
जीवन में आगे बढ़ते जा
चिट्ठाजगत
चिट्ठाजगत www.blogvani.com Hindi Blogs. Com - हिन्दी चिट्ठों की जीवनधारा

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