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Justice For Mahesh Kumar Verma

Wednesday, December 31, 2008

नव वर्ष के शुभ किरण

नव वर्ष के शुभ किरण


नव वर्ष के शुभ किरण
स्‍वच्‍छ करे मेरा तन व मन
चले एक ऐसा पवन
कि झूम उठे सारा चमन
हर कलियाँ खिलती रहे
हर बगिया महकती रहे
मज़हब की खुशबु उठती रहे
ज्ञान की धारा बहती रहे
नव वर्ष के शुभ किरण
स्‍वच्‍छ करे मेरा तन व मन
स्‍वच्‍छ करे मेरा तन व मन

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सबों को नव वर्ष की ढ़ेर सारी शुभकामनाएँ

Friday, December 5, 2008

शहीदों को श्रद्धांजलि

क्या फायदा हुआ तुम्हें

किसी का घर सुना करके

किसी के मांग का सिंदूर उतार के

किसी को अनाथ करके

किसी को यों ही तड़पा के

किसी को बेमौत मार के

क्या फायदा हुआ तुम्हें

सबों को दर्द देके

है तुम्हारे पास कोई जवाब

नहीं है

क्योंकि तुम ख़ुद बेदर्द हो

क्या जानोगे दुसरे के दर्द

पर याद रखना

परमात्मा के दरबार में

तुम्हें तुम्हारे हर कर्म का जवाब देना होगा

हर कर्म का जवाब देना होगा

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शहीदों को श्रद्धांजलि

-- महेश कुमार वर्मा

Monday, December 1, 2008

याद

याद

हर रोज तुम आती हो
हर वक्त साथ रहती हो
तुम्हारे साथ रहने के कारण ही
मैं राह चल पाता हूँ
तुम साथ रहती हो
पर फिर भी
नहीं कर पाता तुम्हारा शरीर-स्पर्श
कारण तुम शरीर से नहीं
बल्कि तुम्हारी सिर्फ याद आती है
तुम्हारी सिर्फ याद आती है

तुम्हारी याद में वो बल है
जो मुझे आगे बढ़ाता है
तुम्हारी याद में वो आकर्षण है
जो मुझे तुम्हारे करीब लाता है
तुम्हारी याद में वो एकता है
जो हमदोनों को एक बनाता है
तुम्हारी याद में वो संजीवनी है
जो मुझे जीवित रखता है
तो भला तुम्हारी याद कैसे न आए
तुम्हारी याद कैसे न आए



-- महेश कुमार वर्मा

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